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पासवर्ड सुरक्षित कैसे रखे?

पासवर्ड सुरक्षित कैसे रखे? 

एक मज़बूत पासवर्ड ऐसा पासवर्ड होता है, जिसे आप याद रख सकते हैं, लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति के लिए उसका अंदाज़ा लगा पाना करीब-करीब नामुमकिन होता है. 

 1. अपने हर अहम खाते, जैसे अपने ईमेल और ऑनलाइन बैंकिंग खातों के लिए अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें.अहमियत रखने वाले खातों के लिए एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल करने में जोखिम हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को आपके एक खाते का पासवर्ड मालूम हो जाता है, तो उसे आपके ईमेल, पते, और यहां तक कि आपके पैसे का भी एक्सेस मिल सकता है  

 

 

 2. बड़े पासवर्ड ज़्यादा मज़बूत होते हैं. इन सलाहों से आपको याद रखने में ज़्यादा आसान और बड़े पासवर्ड बनाने में मदद मिल सकती है : 

 • किसी गीत या कविता के बोलकिसी फ़िल्म या भाषण की बढ़िया सी लाइन 

  • किसी किताब का कोई हिस्सा 

  • शब्दों की शृंखला जिनका आपके लिए कोई मतलब निकलता हो  •

 

 

 3. ऐसे पासवर्ड चुनने से बचें, जिनका अंदाज़ा ये लोग लगा सकें : 

  • वे लोग जो आपको जानते हैं 

 • आसानी से एक्सेस होने वाली जानकारी पर गौर करने वाले लोग (जैसे आपकी सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल) 

 

  4. अक्षरों, संख्याओं और प्रतीकों का इस्तेमाल करें अक्षर और अंक (अक्षर और संख्याएं) और प्रतीकों को मिलाकर बने पासवर्ड का इस्तेमाल करें 

 

 5. कोई शब्द या वाक्यांश चुनें और कुछ अक्षरों के बजाय संख्याओं और प्रतीकों का इस्तेमाल करें. उदाहरण :Dhamakedar Diwali को dH@mAk3d@Rd!w@1I लिख सकते हैं

 

  6. निजी जानकारी का इस्तेमाल न करें ऐसी जानकारी से पासवर्ड बनाने से बचें जिसे दूसरे लोग शायद जानते हों या आसानी से ढूंढ सकते हों. उदाहरण : 

 • आपका प्रचलित नाम या नाम के पहले अक्षर 

 • आपके बच्चे या पालतू जानवर का नाम 

 • खास जन्मदिन या साल 

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Desktop Icons को Move करना यानि सरकाना

Desktop Icons को Move करना यानि सरकाना 

By Default Desktop Icons बांए कोने में Set रहते हैं. जब कोई नया Icon Add किया जाता हैं तो वह भी Automatically Set हो जाता हैं. लेकिन, हम इन Icons को Desktop पर कहीं पर भी Arrange कर सकते हैं.

 1. ऐसा करने के लिए सबसे पहले उस Icon पर Left-Click दबांए रखे जिसे Move करना हैं.

 2. अब जहाँ इस Icon को रखना हैं उसे Mouse की Left-Click को दबाए रखते हुए खींच लाए और पहुँचने पर छोड दें. इस क्रिया को Dragging कहा जाता हैं.

 3. तो इस तरह आप किसी भी Icon को सरका कर अपनी मन पसंद जगह पर रख सकते हैं.

 इसके अलावा हम बिखरे पडे Icons को Automatically Arrange भी कर सकते हैं. ऐसा करने के लिए

 Step: 1 सबसे पहले Desktop पर खाली जगह पर Right-Click कीजिए.

 Step: 2 अब उपलब्ध विकल्पों में से View पर क्लिक कीजिए.

 Step: 3 इसके बाद Auto arrange icons पर क्लिक कर दीजिए.

 Step: 4 ऐसा करते ही सभी Icons बांए तरफ Set हो जाऐंग़े और दुबारा नही बिखरेंगे. क्योंकि अब Icon Lock हो जाते हैं.

 Step: 5 Icons को Unlock करने के लिए वापस View फिर Auto arrange icons पर क्लिक कर दीजिए.

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इंटरनेट - शब्दावली 2

( B )

BASIC: यह एक उच्चस्तरीय, अत्यन्त उपयोगी व सरल भाषा है, जिसका प्रयोग सभी कम्प्यूटरों में होता है।
Binary: गणना करने के लिए प्रयोग की जाने वाली संख्या प्रणाली।
Bit: बाइनरी अंक (0-1) को संयुक्त रूप से बिट कहा जाता है, यह कम्प्यूटर की सबसे छोटी इकाई है।
Bite: 8 बिटों को सम्मिलित रूप से बाइट कहा जाता है। एक किलोबाइट में 1024 बाइट होती हैं।
Biochip: जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित व सिलिकॉन से बनी इस चिप से ही कम्प्यूटर का विकास हो पाया है।
Backbone: कम्प्यूटर नेटवर्क में अन्य कम्प्यूटरों को आपस में जोडऩे वाली मुख्य लाइन।
Background Processing: निम्न प्राथमिकता वाले प्रोग्राम को उच्च प्राथमिकता वाले प्रोग्राम में बदलने की क्रिया।
Back Up: सामान्यत: Back Up कोई भी प्रोग्राम हो सकता है, जिसके द्वारा कम्प्यूटर को खराब होने से बचाया जा सकता है।
Bad Sector: स्टोरेज डिवाइस में वह स्थान जहां पर डाटा लिखा या पढ़ा नहीं जा सकता।
Band Width: डाटा संचरण में प्रयोग की जाने वाली आवृत्ति की उच्चतम और निम्नतम सीमा का अन्तर Band Width कहलाता है।
Base: संख्या पद्वति में अंकों को व्यक्त करने वाले चिन्हों को कहा जाता है।
Batch File: Dos ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम की वह फाइल जो स्वंय संपादित होती है।
Band:
वह इकाई जो डाटा संचारण की गति को मापता है।

1 Band= 1 Bite/sec

Blinking: किसी बिंदु पर कर्सर की स्थिति को Blinking कहते हैं।
Biometric Device: 
वह डिवाइस जो दो व्यक्तियों के भौतिक गुणों में अंतर कर सकने में सक्षम हो।
Bernoulli Disk: 
वह चुम्बकीय डिस्क जो रीड व राइट दोनों में ही सक्षम है, डाटा भण्डारण के लिए प्रयोग की जाती है।
Broad Band: 
कम्प्यूटर नेटवर्क जिसके संचरण की गति 1 मिलियन बिट्स प्रति सेकेण्ड या इससे अधिक होती है।
Browse: 
जब इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोजा जाता है तो उस प्रक्रिया को क्चह्म्श2ह्यद्ग कहते हैं।
Browser: 
वह साफ्टवेयर जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर अपनी पसंद की वेबसाइट को खोज कर सूचना प्राप्त करते हैं।
Bridge Ware: 
यह सॉफ्टवेयर हैं जिसके द्वारा कम्प्यूटरों के मध्य सामंजस्य स्थापित किया जाता है।

Bubble Memory: जिसमें डाटा को स्टोर करने के लिए चुम्बकीय माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।
Buffer: 
एक प्रकार की डाटा स्टोरेज डिवाइस है, जो कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार के उपकरणों के बीच डाटा- स्थानन्तरण की गति को एक समान बनाता है।
Burning: 
वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रह्ररू में डाटा लिखा जाता है।
Bus: 
एक प्रकार का मार्ग है जो डाटा या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले कर जाता है।
Blue Tooth: 
एक लघु रेडियो ट्रांसमीटर होता है जिसके द्वारा सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जाता है।
Boot: 
ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाने वाला सबसे प्रारम्भिक कार्य क्चशशह्ल कहलाता है।
Bug: 
यह एक प्रकार का श्वह्म्ह्म्शह्म् होता है, जो कम्प्यूटर में उपस्थित प्रोग्रामों में पाया जाता है। क्चह्वद्द को हटाने की प्रक्रिया को ष्ठद्गड्ढह्वद्द कहा जाता है।

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इंटरनेट शब्दावली

 

इंटरनेट - शब्दावली

प्रोटोकॉल- यह एक ऐसी मानक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से कम्प्यूटर नेटवर्क में अंकीय संचार किया जाता है।
ब्राउजर- यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से यूजर सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट में प्रवेश करता है।
वेब सर्वर- यह प्रोग्राम वेब ब्राउजर के द्वारा संसाधनों को प्राप्त करने के लिए यूजर द्वारा दिए गए अनुरोध को पूरा करता है।
नेटवर्क- कई सिस्टमों को एक साथ जोड़कर बनाए गए संजाल को नेटवर्क कहते हैं। इसके द्वारा एक साथ कई जगहों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करना संभव है।
आन-लाइन- जब यूजर इंटरनेट पर जान-करियों व सेवाओं का अध्ययन करता है। तब कहा जाता है कि यूजर ऑन लाइन है।
होम पेज- यह किसी भी साइट का शुरूआती प्रदर्शित पेज है। जिसमें सूचनाएं हाईपरलिंक द्वारा जोड़ी जाती है।
ऑफ लाइन- इसमें यूजर इंटरनेट में मौजूद सूचनाओं को अपने अपने सिस्टम में संग्रहित कर इंटरनेट संपर्क काट देता है।
हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैग्वेंज (एचटीएमएल)- इसका प्रयोग वेब पेज बनाने में किया जाता है। शुरूआत में इसका प्रयोग वेब पेज डिजाइन करने में किया जाता था।
हाइपर टेक्स्ट ट्रॉसंफर प्रोटोकॉल- इसका प्रयोग एचटीएमएल में संगृहित दस्तावेजों व दूसरे वेब संसाधनों कों स्थानांतरित करने में किया जाता है।
टीसीपी/आईपी- इसका प्रयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान में किया जाता है।
यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर(यूआरएल)- इसका प्रयोग वेब पर किसी विशेष सूचना को संचालित करने में किया जाता है।
वेब पेज- होम पेज पर बने हाइपर लिंक पर क्लिक करने पर जो पेज हमारे सामने प्रस्तुत होता है, उसे वेब पेज कहते हैं।
वेबसाइट- वेब पेजों के समूहों को वेबसाइट कहते हैं। जिसमें आडियो, वीडियों, इमेजेस का समावेश होता है।
हाइपर लिंक- वेब पेज में मौजूद वे विशेष शब्द या चित्र जिस पर क्लिक करने पर उस शब्द या चित्र से सम्बंधित एक अलग वेब पेज पर आ जाती है। उसे वेब पेज को हाइपर लिंक कहते है।
डाउनलोड- इंटरनेट या किसी अन्य कंम्प्यूटर से प्राप्त सूचनाओं को अपने कम्प्यूटर में एकत्रित करना डाउनलोड कहलाता है।
अपलोड- अपने कम्प्यूटर से किसी अन्य कम्प्यूटर में सूचनाएं भेजना अपलोड कहलाता है। जैसे ई-मेल भेजना।
सर्वर- वह कम्प्यूटर जो इंटरनेट प्रयोग करने वाले सिस्टम को सूचनाएं प्रदान करने की क्षमताएं रखता है, सर्वर कहलाता है।
सर्फिंग- इंटरनेट के नेटवर्कों में अहम सूनचाओं को खोजने का काम सर्फिंग कहलाता है।
इंटरनेट एड्रेस-इंटरनेट में प्रयुक्त एड्रेस के मूलभूत हिस्से को डोमेन कहा जाता है। इंटरनेट से जुड़े हर कम्प्यूटर का एक अलग डोमेन होता है। जिसे डोमेन नेम सिस्टम कहते हैं। जिसे 3 भागों में बांटा जा सकता है।
1.जेनेरिक डोमेन
2.कंट्री डोमेन
3.इनवर्स डोमेन

( A )

Abacus: Abacus गणना करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला अति प्राचीन यंत्र जिससे अंकों को जोड़ा व घटाया दोनों जाता है।
Accessory: यह प्रोसेसिंग के लिए एक आवश्यक संसाधन होते हैं जिन्हें सहायक यन्त्र भी कहा जाता है। जैसे- वेब कैमरा, फ्लापी डिस्क, स्कैनर, पेन ड्राइव आदि
Access Control: सूचना और संसाधनों की की सुरक्षा के लिए प्रयुक्त की गई विधि जिसके द्वारा अनाधिकृत यूजर को सूचना और निर्देशों को पहुंचने से रोकता है।

Access Time: यूजर द्वारा मेमोरी से डाटा प्राप्त करने के लिए दिए गए निर्देश और डाटा प्राप्त होने तक के बीच के समय को Access time कहते हैं।
Accumulator:एक प्रकार का रजिस्टर जो प्रोसेसिंग के दौरान डाटा और निर्देशों को संग्रहीत करता है।
Active Device: वह उपकरण है जिसमें कोई कार्य वैद्युत् प्रवाह द्वारा सम्पादित किया जाता है।
Active Cell: MS Excel में प्रयोग होने वाला वह खाना है, जिसमें यूजर डाटा लिखता है।
Active Window: कम्प्यूटर में उपस्थित वह विंडो, जो यूजर द्वारा वर्तमान समय में सक्रिय है।
Adapter: दो या दो से अधिक उपकरणों या संसाधनों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली युक्ति।
Adder: एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, जिसके द्वारा दो या दो से अधिक संख्याओं को जोड़ा जा सकता है।
Address: वह पहचान चिन्ह जिसके द्वारा डाटा की स्थिति का पता चलता है।
Algorithm: कम्प्यूटर को दिया जाने वाला अनुदेशों का वह क्रम जिसके द्वारा किसी कार्य को पूरा किया जाता है।
Alignment: डाटा में पैराग्राफ को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया।
Alphanumeric: (A-Z) तक के अक्षरों और (0-9) अंकों के समूह को alphanumeric कहते हैं।
Analog: भौतिक राशि की वह मात्रा जो लगातार तरंगीय रूप में परिवर्तित होती है।
Analog Computer: जिस कम्प्यूटर में डाटा भौतिकीय रूप से प्रयुक्त किया जाता है।
Antivirus: कम्प्यूटर का दोषपूर्ण प्रोग्राम अथवा 1द्बह्म्ह्वह्य से होने वाली क्षति को बचाने वाला प्रोग्राम।
Application Software: किसी विशेष कार्य के लिए बनाए गए एक या एक से अधिक प्रोग्रामों का समूह।

Artificial Intelligence: मानव की तरह सोचने, समझने और तर्क करने की क्षमता के विकास को कम्प्यूटर में Artificial Intelligence कहते हैं।
ASCII (American Standard Code For Information Interchange): वह कोड जिसके द्वारा अक्षरों तथा संख्याओं को 8 बिट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
Assembler: वह प्रोग्राम जो असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है।
Assembly Language: एक प्रकार की कम्प्यूटर भाषा जिसमें अक्षरों और अंकों को छोटे-छोटे कोड में लिखा जाता है।
Asynchronous: डाटा भेजने की एक पद्घति, जिसमें डाटा को नियमित अन्तराल में अपनी सुविधानुसार भेजा जा सकता है।
Authentication: वह पद्घति, जिसके द्वारा कम्प्यूटर के वैद्यता की पहचान की जाती है।
Auto Cad: एक सॉफ्टवेयर जो रेखा चित्र और ग्राफ स्वत: तैयार करता है।
Audio-Visual: ऐसी सूचना और निर्देश, जिन्हें हम देख सुन सकते हैं पर प्रिंट नहीं निकाल सकते।
Automation: किसी डाटा या सूचना का स्वत: ही प्रोसेस होना।

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